लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र की रेप पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की। संतप्त परिवारीजनों को सांत्वना देते हुए उन्होंने कहा कि आपने बहादुर बेटी को खोया है। समाजवादी पार्टी और वे स्वयं इस दुःख में उनके साथ हैं और न्याय दिलाने में हर सम्भव मदद करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि पीड़ित परिवार का घर कच्चा है। अत्यंत गरीब लोग हैं। लड़की न्याय की मांग करने जा रही थी। पुलिस प्रशासन को पता था कि उसके केस की एफआईआर दर्ज है, कैसी घटना उसके साथ घटी है, इसके बावजूद दर्दनाक घटना घट गईं। दबंगो की धमकियों के बारे में जानकारी होने के बाद भी सरकार लापरवाह बनी रही। अंततः 5 दिसम्बर 2019 को रेप पीड़िता को दरिन्दों ने जला दिया। बेटी की जान नहीं बचाई जा सकी। हैदराबाद के बाद कहीं इतनी दुःखद घटना हुई तो वह उत्तर प्रदेश में हुई है। फतेहपुर में ऐसी ही एक और दर्दनाक घटना घटी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की ओर से पीड़ित परिवार की शुरू से ही मदद की जा रही थी। हमारे दल के लोग लखनऊ के सिविल अस्पताल पहुंच गए थे लेकिन पता नहीं भाजपा सरकार क्या छुपाना चाहती थी कि उसने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन को भी मिलने नहीं दिया। उन्होंने कहा डाक्टरों ने तब उन्हें बता दिया था कि पीड़िता की हालत बहुत नाजुक है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विरोध न हो इसलिए पीड़िता को दिल्ली भेजा गया। वह आखिरी वक्त तक जीना चाहती थी। डाक्टरों से यही कहती रही कि उसकी जान बचा लो। वह न्याय के लिए लड़ना चाहती है लेकिन उसका जीवन बचाया नहीं जा सका।
अखिलेश यादव ने कहा सरकार ने परिवार में किसी एक को नौकरी देने की बात कही थी, नौकरी जल्द मिले और योग्यता के अनुसार मिले। पीड़ित परिजनों को न्याय मिले। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही होनी चाहिए। अखिलेश यादव के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, मनोज पाण्डेय विधायक तथा एमएलसी सुनील सिंह 'साजन', सुधीर रावत, उदय राज यादव, धर्मेन्द्र यादव जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे।