पीयू कॉलेजों की एनएसएस इकाइयां तंबाकू से लड़ने को तैयार

मंगलुरु। कर्नाटक में 80 हजार से अधिक राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वंयसेवक प्रदेश में बढ़ रहे तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के प्रभाव से युवाअेां को बचाने का काम करेंगे। इसके लिए वे शहर से लेकर गांव स्तर तक जागरुकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयेाजन करेंगे। इसके लिए पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग ने गोविन्द दासप्पा पीयू कॉलेज, सुरथकल पीयू कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन एनबीएस के कर्नाटक क्षेत्रीय निदेशालय और कर्नाटक सरकार के युवा सशक्तिकरण और खेल विभाग के एनएसएस सेल और अलामेलु चैरिटेबल फाउंडेशन व संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के तकनीकी सहयेाग द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने खुद को तंबाकू से दूर रखने और दूसरों को भी इस घातक लत से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया।


कर्नाटक सरकार के पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के एनएसएस समन्वयक डॉ. रमेश सीजी ने कहा, “तंबाकू के खतरे से हमारी युवा पीढ़ियों की रक्षा करना एक महान सामाजिक पहल है। युवाओं को तंबाकू विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। उनका ये प्रयास समाज में सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की ओर ले जाएंगे। छात्रों को तम्बाकू और अन्य नशीले पदार्थों को श्नश् कहने में गर्व महसूस करना चाहिए।”


उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक में हर तीन पुरुषों में से, जबकि हर 10 में से एक महिला तंबाकू का उपयोग करती है। तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के कारण प्रतिदिन 140 से अधिक उपयोगकर्ता की मौत हो जाती है। राज्य में प्रतिदिन 290 से अधिक तंबाकू की लत के शिकार हो रहे हैं।


इस मौके पर वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संरक्षक व डॉ. ए जे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मंगलुरु के कैंसर सर्जन, वेंकटरमण किनी ने कहा, “अब कैंसर का पता बहुत कम उम्र में चल रहा है और इसका एक कारण तंबाकू उत्पादों का व्यापक उपयोग है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में तम्बाकू के उपयोग की शुरुआत करता है, तो वह अपने पूरे जीवन में इस लत को जारी रखने की अधिक आशंका है। चूँकि, तम्बाकू की लत छोड़ने की दर बहुत कम है, इसलिए अधिक से अधिक प्रयास युवाओं के बीच तम्बाकू की शुरुआत को कम करने का प्रायास होना चाहिए। ”


उल्लेखनीय है कि 'प्लेज फॉर लाइफ - टोबैको फ्री यूथ' अभियान माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से प्रेरित है और केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा समर्थित है। यह अभियान युवाओं को तंबाकू के सेवन से रोकने और दूसरों को भी ऐसा करने से हतोत्साहित करने की रणनीतियों पर केंद्रित है। यह अभियान वर्तमान में असम, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, यू.पी., ओडिशा और दिल्ली में चल रहा है।

एनएसएस युवाअेां ने लिया संकल्प

राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वंयसेवकों व कार्यक्रम अधिकारियों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां को न लेने की शपथ दिलाई। इस शपथ के बाद सभी अधिकारियों व युवाओं ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व युवाअेंा को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया। सभी ने प्रतिज्ञा की कि वे अपने जीवन में कभी भी तंबाकू को नहीं छूएंगे और अपने दोस्तों और परिवारों को ऐसा ही करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही एनएएसएस के स्वंयसेवक अपने स्तर पर तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से युवाओं को जागरुक करेंगे। कर्नाटक में, ऑफ पीयू एजुकेशन विभाग में 80,000 स्वयंसेवकों के साथ 800 से अधिक एनएसएस इकाइयांहैं। इस कार्यशाला में दक्षिण कन्नड़, उडुपी और कोडागु जिलों के कॉलेजों की लगभग 50 एनएसएस इकाइयों ने भाग लिया।