कारगिल चौक पर शरारती तत्वों ने 'नागरिकता कानून संशोधन' के विरोध में किया बवाल

नागरिकता कानून संशोधन के विरोध में कारगिल चौक पर शरारती तत्वों का करीब तीन घंटे तक कब्जा रहा। बवाल के लिए पुख्ता योजना तैयार कर हजारों की संख्या में शरारती तत्व गांधी मैदान इलाके में पहुंचे थे, लेकिन पुलिस को इसका आभास नहीं था। भीड़ बढ़ने के बाद उपद्रवी पुलिस की घेरेबंदी करने लगे और जब पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश तो शरातती तत्व खाकी पर हमलावर हो गए। इस बीच हिंसक झड़प शुरू होने से गांधी मैदान का इलाका रणक्षेत्र बन गया।



आलमगंज इलाके से निकला था हुजूम-
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नागरिकता कानून संशोधन के विरोध में आलमगंज इलाके के पास सैकड़ों लोग जमा हुए थे। अशोक राजपथ होकर आंदोलनकारियों की भीड़ गांधी मैदान की ओर आ रही थी। सब्जी बाग के पास इस भीड़ में काफी संख्या में छात्र भी शामिल हो गए। कारगिल चौक पर पहुंचने के बाद आंदोलनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद जाम की स्थिति बन गई। पुलिस की ओर से जब उन्होंने रोकने की कोशिश की गई तो उन्होंने राहगीरों के वाहनों पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी।


आंदोलनकारियों ने जब पुलिस पोस्ट को आग के हवाले किया और मौके पर फायरिंग होने लगी तो दल-बल के साथ डीएसपी सुरेश शर्मा मौके पर पहुंचे। आंदोलनकारियों की ओर से हो रही रोड़ेबाजी में वे जख्मी हो गए। हिंसक होती भीड़ को देख पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर कर दिया। आंदोलनकारियों को खदेड़ती हुई पुलिस आलमगंज तक पहुंची। इधर पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। मौके पर काफी संख्या पहुंचे पुलिस बलों ने जब बल प्रयोग किया तो आंदोलनकारी गिरते- पड़ते मौके से भाग निकले।


मुट्ठीभर पुलिसकर्मियों पर भाड़ी पड़े शरारती तत्व-
हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी कारगिल चौक पर जमा थे और उन पर काबू पाने के लिए गांधी मैदान थाने की मुट्ठी भर ही पुलिस मौजूद थी। भीड़ के बढ़ने पर जब तक वायरलेस कर थानों की पुलिस फोर्स मौके पर बुलवायी गई, लेकिन पुलिस फोर्स के पहुंचने से पहले उपद्रवी हिंसक हो गए। यही वजह रही कि उपद्रवियों के बवाल में पुलिस असहाय बन गई और प्रदर्शनकारी अपने मंसूबे में सफल हो गए।


खुफिया अफसरों को नहीं थी भनक-
आलमगंज में बैठक के बाद इतनी बड़ी संख्या में सड़क पर उतर रहे प्रदर्शनकारियों के बारे में शायद आलमगंज, सुल्तानगंज पुलिस के साथ खुफिया विभाग के अफसरों को पुख्ता जानकारी नहीं थी। शायद यही वजह रही पिछले तीन दिनों से नागरिकता कानून संशोधन के विरोध में कारगिल चौक पर हो रहे प्रदर्शन के बावजूद शनिवार को गांधी मैदान का इलाका आक्रोश की आग में जल उठा।


बच गया पीरबहारे थाना-
लाठीचार्ज के बाद भाग रहे उपद्रवियों ने पीरबहोर थाने में भी आगजनी की कोशिश की लेकिन बवाल की सूचना पर आ रहीं एसएसपी गरिमा मलिक ने मोर्चा संभाल लिया। वह पुलिस फोर्स के साथ खुद सड़क पर उतर पड़ीं और शरारती तत्वों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसके चलते पीरबहोर थाना जलने से बच गया।