डॉ. नदीम अशरफ को मिला "डायबिटीज अवेयरनेस अवार्ड"

वाराणसी। मानव ख़िदमत फाउंडेशन, मारूफपुर जनपद चन्दौली के चेयरमैन डॉ. नदीम अशरफ को मधुमेह जागरूकता के लिए कार्डिअबकॉन संस्था व आईएमए वाराणसी द्वारा शनिवार को होटल हिन्दुस्तान इंटरनेशनल में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में "डायबिटीज अवेयरनेस अवार्ड" से सम्मानित किया गया। इस दौरान डायबिटीज के लक्षण और बचाव पर चर्चा किया गया। इस दौरान मुख्यरूप से डॉ. पल्लवी मिश्रा, डॉ. आशुतोष मिश्रा, डॉ. अनूप मिश्रा, डॉ. जेके अग्रवाल, डॉ. सरिता बजाज, डॉ. नूरी अहमदी, डॉ. आरके पाठक, डॉ. ओपी झा, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. एनएस वर्मा, रितेश गुप्ता, डॉ. अभिजीत चटर्जी, डॉ. मनीषा सिंह, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. हेमन्त गोपाल, डॉ. प्रोफेसर आरसी आहूजा सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।



उल्लेखनीय है कि डॉ.नदीम अशरफ पिछले 17 सालों से 60 गांवों में मधुमेह जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा लोगों को मधुमेह रोग के लक्षणों व उसके बचाव के बारे में बताते रहे हैं। मानव ख़िदमत फाउंडेशन चंदौली जनपद में स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यपाक पैमाने पर कार्य कर रहा है। समाज के वंचित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए डॉ. नदीम अशरफ और उनकी टीम लगातार प्रयासरत है। सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें कई सम्मान भी मिले हैं।


डायबिटीज के बाबत डॉ. नदीम बताते हैं कि डायबिटीज दो तरह की होती है पहला टाइप वन (जिसमें इंसुलिन शरीर में बनता ही नहीं, इसलिए हर दिन बाहर से इंजेक्शन के द्वारा लिया जाता है) और दूसरा टाइप टू (जिसमें थोड़ा बहुत इंसुलिन बनता है या इसकी कमी होती है)। दोनों ही अवस्था किसी भी व्यक्ति के लिए सामान्य नहीं है। डायबिटीज के कई लक्षण हैं जिससे कोई भी व्यक्ति पहले ही सतर्क हो सकता है। कुछ लक्षण हैं जैसे- बहुत प्यास लगना, बहुत भूख लगना, लगातार पेशाब आना, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना, अचानक वजन का कम होना, अचानक शरीर पर घाव बनना और इसे ठीक होने में समय लगना, त्वचा में रूखापन और खुजली, जननांगों में खुजली, धुंधला दिखाई देना।


डॉ. नदीम कहते हैं अगर इसमें से कोई भी लक्षण आपको दिखें तो अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। अपने ग्लूकोज के स्तर को जांचने में आपको एक मिनट से भी कम समय लगेगा। डायबिटीज को नजरअंदाज करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह शरीर में कई जटिलताएं बढ़ा सकता है जैसे हार्ट की बीमारी या स्ट्रोक, अंधापन या रेटिनोपैथी, किडनी का खराब होना और पैरों की समस्या।