'बदला लो और ठोको नीति' के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून व्यवस्था हुई चौपट: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी की भाषा के कारण सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में लोगों की जानें गई हैं। उनकी 'बदला लो और ठोको नीति' के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हुई है। पुलिस ने गाड़ियां तोड़ी है और घरों में लूटपाट की है। जिनकी मौतें हुई है उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जा रही हैं। एफआईआर नहीं लिखी जा रही है। मृतकों के परिवारीजनों से विपक्षी नेताओं को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। जिसके साथ अन्याय होगा, समाजवादी पार्टी उसके साथ खड़ी होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सन् 2022 में समाजवादी पार्टी कोई गठबंधन नहीं करेगी। भविष्य में जनता से गठबंधन रहेगा।




अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में उपस्थित समाजवादी पार्टी तथा निषाद संघ उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा हिन्दू-मुस्लिम एकता से डरी हुई है। सीएए, एनआरसी, एनपीआर के प्राविधान संविधान के विरूद्ध है। ये कानून आम जनता को परेशान करने और मुस्लिमों को डराने के लिए लाए जा रहे है। इसके पीछे बदनीयती और धोखा है। मानवाधिकार हनन में सबसे ज्यादा नोटिसें उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है। इस अवसर पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, इन्द्रजीत सरोज, राजेन्द्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, चौधरी लोटन राम निषाद, एसआरएस यादव आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अखिलेश यादव ने कहा पुलिस की गोली से मृत लोगों के आश्रितों को भाजपा सरकार मुआवजा दे। लोगों की सम्पत्ति को जो नुकसान पुलिस ने पहुंचाया है उसकी भी भरपाई सरकार करे। उन्होंने कहा कि सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर 2007 में गोरखपुर के दंगे के नुकसान की भी भरपाई कराई जायेगी।




अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अत्याचार बढ़ा है। लोगों की जानें जाने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक कैसे लगा सकती है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोगों को डरा रही है। धमकियां दे रही है। मनमानी करना भाजपा का तरीका है। नफरत और अन्याय बढ़ाना तथा भारत की एकता के विरूद्ध काम करना आरएसएस का एजेण्डा है। भारत के नागरिकों के अधिकारों का भाजपा राज में क्या होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारों को गरीबों की नज़र से देखना चाहिए। अगर सरकार अपनी नज़र से देखेगी तो समस्या का समाधान कैसे होगा। आज तो वंचितों गरीबों के विरूद्ध साजिश की जा रही है। लड़ाई बड़ी है जिन्हें दबाया गया लड़ाई उनकी है। समाजवादी पार्टी इन्हीं की लड़ाई लड़ रही है। भाजपा चतुर चालाक है और झूठ की मास्टर है, इससे गरीबों को सावधान रहना है।

उन्होंने कहा भाजपा अंधकार की तरफ ले जा रही है। चंद लोगों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी सबको जोड़कर चलती है। किसी से भेदभाव नहीं करती है। समाजवादी पार्टी समाज में विश्वास और सद्भाव कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सबको उलझाकर और भ्रम में रखना चाहती है। बुनियादी और वास्तविक मुद्दों का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। किसानों, नौजवानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनगणना जातियों की होनी चाहिए। जातियों की नफरत खत्म करने के लिए यह जरूरी है। इससे योजनाओं में समानुपातिक भागीदारी भी तय होगी।

चौधरी लोटनराम निषाद राष्ट्रीय सचिव निषाद संघ एवं कार्यकर्ताओं-नेताओं ने कहा कि अखिलेश जी में समाज को आगे लाने की सोच है। वे सबको भागीदारी देना चाहते हैं। उनका बेदाग, ईमानदार नेतृत्व है। विकास के कामों में समाजवादी पार्टी का मुकाबला नहीं हो सकता है। अखिलेश यादव ही सामाजिक न्याय और राजनीतिक विचारधारा के विकल्प के नेता हैं। एकस्वर से कार्यकर्ताओं ने कहा कि राजनीतिक धुंधले में बादल छांटने के लिए समाजवादी पार्टी के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटेंगे।

आज राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महासचिव रमेश चंद्र निषाद, उत्तर प्रदेश तैलिक महासंघ के विनोद कुमार राठौर, मनोज कुमार राठौर, राजेन्द्र राठौर, श्रवण राठौर, मनोज राठौर, सतीश राठौर, रामदत्त राठौर, नन्हके राठौर, विष्णु राठौर, रामकृष्ण राठौर, श्रीपाल वर्मा, विश्वनाथ पाल, मनीष शर्मा, अकबर अली, अमित राठौर, पंकज राठौर और विशाल निषाद के अतिरिक्त निषाद पार्टी बलिया के ज्ञानेश्वर कश्यप ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम में लाल प्रताप यादव, वंशीधर यादव, मंजू मौर्या, रश्मिी राजपूत तथा श्याम नारायण बिन्द ने भी अपने विचार रखे।