सुख-शांति के लिए घर में लगाएं बजरंगबली की तस्वीर, नकारात्मकता करेंगे दूर...

कलियुग का प्रकोप इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूरी दुनिया में नकारात्मकता फैली हुई है। मनुष्य हिंसक प्रवृत्ति का होता जा रहा है। ऐसे में कलियुग के प्रकोप को कम करने के लिए भगवान की स्तुति की जाती है। कहा जाता है कि हनुमान अमर हैं, वो हर युग में रहते हैं। कलियुग को पार लगाने के लिए भी उन्हें ही याद किया जाता है। ऐसे में वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जिनके अपनाकर घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकते हैं। आप हनुमान जी की स्तुति करने के अलावा घर में हनुमान जी की तस्वीर लगा सकते हैं।  



जानते हैं वास्तु के कुछ उपाय- 


श्री राम का कीर्तन करते हुए हनुमान जी की तस्वीर 
परिवार के सदस्यों में धार्मिक भावना बनाए रखने के लिए श्री राम की आराधना करते हुए या श्री राम का कीर्तन करते हुए हनुमान जी का चित्र लगाना अति शुभ होता है। इस चित्र को लगाने से परिवार के सदस्यों का आपसी विश्वास भी मजबूत होता है।


पर्वत उठाए हुए हनुमान जी की तस्वीर 
अगर परिवार के सदस्यों में साहस एवं आत्मविश्वास की कमी हो, तो अपने एक हाथ में पर्वत उठाए हुए हनुमान जी का चित्र घर में लगाना लाभ प्रदान करेगा।


आकाश में उड़ते हुए हनुमान जी की तस्वीर
जीवन में उत्साह, सफलता, उमंग पाने कि लिए आकाश में उड़ते हुए हनुमान जी का चित्र लगाना चाहिए।


लाल रंग की बैठी हुई मुद्रा में हनुमान जी की तस्वीर
भवन की दक्षिण दिशा में लाल रंग की बैठी हुई मुद्रा में हनुमान जी का चित्र लगाने से दक्षिण दिशा से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा एवं बुरी ताकतें दूर होती हैं, धीरे-धीरे घर में सुख-शांति आने लगती है।


पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर 
भवन के मुख्यद्वार पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर लगाने से घर में बुरी आत्माएं प्रवेश नहीं करती।  


घर के इन हिस्सों में न लगाएं हनुमान जी की तस्वीर-



  • राम भक्त हनुमान जी बालब्रह्मचारी हैं, इनकी उपासना में पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। अतः भूलकर भी इनकी प्रतिमा या चित्र को शयन कक्ष में न लगाएं।

  • सीढ़ियों के नीचे, रसोईघर या अन्य किसी अपवित्र स्थान पर भी इनका चित्र नहीं लगाना चाहिए अन्यथा अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।

  • कमरे में बेड के पैर की तरफ हनुमान जी की कोई तस्वीर नहीं लगानी चाहिए, इससे सोते समय हमारे पैर उनकी तरफ होते हैं, जो बिल्कुल भी शुभ नहीं होता।