लक्ष्मण ने काटी सूर्पणखा की नाक...

प्रतापगढ़/पट्टी। श्री हनुमान रामलीला समिति के बैनर तले कस्बे में आयोजित रामलीला में भरत वनवास, सूर्पणखा संवाद खर- दूषण वध, सीता हरण,व जटायु- रावण युद्ध प्रसंग का मंचन किया गया।


बुधवार रात रामलीला मंचन में श्रीराम को मनाने के लिए भारत चित्रकूट गए वहां पर श्रीराम ने पिता की आज्ञा का पालन करने का हवाला देते हुए भारत को अपने  खंडाऊ  देकर वापस भेज दिया। इसके बाद श्री राम, सीता व लक्ष्मण चित्रकूट से पंचवटी की ओर चले। वहां राक्षसी सूर्पणखा घूमते हुए पहुंचती है। वो सुंदर स्त्री का रूप बनाकर राम के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखती है। लक्ष्मण के विवाह से इनकार करने पर वह क्रोधित होकर अपने राक्षसी रूप में प्रकट हो जाती है श्रीराम का संकेत पाते ही लक्ष्मण ने उसके नाक काट दिए।


नाक कटने के बाद वह खर- दूषण के पास जाती है। खर- दूषण राम- लक्ष्मण से युद्ध करने आते हैं और दोनों ही मारे जाते हैं। इस पर सूर्पणखा रोते हुए रावण के पास पहुंचती है और पूरा वृत्तांत बताती है। तब रावण सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए सीता हरण की साजिश रचता है। वह मारीच को स्वर्ण मार्ग बना कर भेजता है। जब राम लक्ष्मण उस मार्ग को मारने के लिए जाते हैं तब रावण साधु वेश धारण कर कपट से सीता का हरण कर लेता है।