बिजली चोरी पर अंकुश लगाकर रोकें लाइन हानियां, प्रीपेड मीटर से हो आपूर्ति : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग को बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाकर लाइन हानियां घटाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में कार्य योजना बनाकर तेजी से कार्रवाई करने की हिदायत देते हुए योगी ने बिजली इंजीनियरों के साथ ही नेताओं, अफसरों के आवास और विभागीय भवनों में प्रीपेड मीटर के जरिए ही बिजली की आपूर्ति करने के भी निर्देश दिए हैं।दरअसल, उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियां गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। इसका प्रमुख कारण जहां बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुश न लग पाना है वहीं नेताओं, अफसरों और सरकारी विभागों द्वारा बिजली के बिल का 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान न करना भी है। ऐसे में बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित न होने पाए इसके लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री ने बैठक की।


बैठक में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ ही मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।लाइन हानियां अब भी 20 फीसद से अधिक होने पर मुख्यमंत्री ने बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना तैयार कर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब बिजली खरीदने के लिए एडवांस में भुगतान करना पड़ता है। नेताओं, अफसरों व विभागों पर ही 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।


ऐसे में मुख्यमंत्री ने बिजली के सरकारी बकाए का भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही अब प्रीपेड मीटर के माध्यम बिजली अभियंताओं, अधिकारियों, नेताओं व विभागों को बिजली आपूर्ति करने के निर्देश दिए।ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 15 नवंबर को खुद अपने आवास पर प्रीपेड मीटर लगवाने के साथ ही शक्ति भवन सहित अन्य बिजली विभागों के दफ्तरों, इंजीनियरों व अधिकारियों के यहां भी पहले-पहल प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। नेताओं, अफसरों और सभी कार्यालयों में भी प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे ताकि बिल की राशि एडवांस में आ जाए और वसूली का झंझट ही न रह जाए। शर्मा ने बताया कि एक लाख प्रीपेड मीटरों के ऑर्डर दे दिए गए हैैं। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए 75 विशेष थाने में से अब तक 68 खुल चुके हैं। बिजली चोरी पर तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।