भाजपा राज में हुए घोटालों की एक-एक करके खुल रही पोल : अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बड़ी कुर्बानियों से मिली आजादी को निरर्थक बनाने के षडयंत्र में भाजपा जुटी हुई हैं। आजादी के आंदोलन के साथ जो मूल्य स्थापित किए गए थे उनको तिलांजलि दी जा रही है। साध्य साधन की पवित्रता महज अतीत की याद बनकर रह गई है। सत्ता के लिए भाजपा कुछ भी करने को तैयार है। लोकतंत्र में लोकलाज का महत्व होता है, भाजपा को इससे भी परहेज नहीं है।


उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में घोटालों की एक के बाद एक परत खुलती जा रही है। हजारों बिजली कर्मियों के प्राविडेंट फंड के घोटाले की जांच में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में और ग्राम पंचायतों की परफार्मेन्स ग्रांट आवंटन में बड़े पैमाने पर धांधली के अलावा होमगार्डो के वेतन घोटाले के साथ पीएसी में सिपाही भर्ती परीक्षा में मेडिकल टेस्ट में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, जिन पर जांच के एलान हुए हैं। लोकसभा में बताया गया है कि यूपी में 31 अक्टूबर 2019 तक खाद्य वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार के 328 मामले सामने आ चुके हैं। ये तो खैर बानगी हैं, भाजपा राज में हर विभाग में घपले ही घपले सामने आएंगे। बस थोड़े वक्त का ही इंतजार है।



विडम्बना यह है कि ढाई साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी भाजपा सरकार प्रदेश में विकास की एक ईंट नहीं रख सकी है। गड्ढा मुक्त सड़कों का बड़ा दावा बड़ा झूठ साबित हो चुका है। बिजली उत्पादन में भाजपा एक यूनिट उत्पादन का भी दावा नहीं कर सकती है। गरीब अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों को पढ़ाई से वंचित करने के लिए शिक्षण संस्थाओं में उनके निःशुल्क प्रवेश की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। दवा-पढ़ाई दोनों मंहगी हो रही है। नौजवानों की पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय है।


सच तो यह है कि जब समाजवादी पार्टी के कामों का श्रेय लेने के लिए जनता के बीच भाजपा ने उद्घाटन का नाम बदल कर शुभारम्भ कर दिया है। भाजपा भूले नहीं कि काम न करना पाप है तो अपनी अकर्मण्यता पर पर्दा डालना महापाप है। जनता से जो वादे किए थे उनको न निभाना भी भ्रष्टाचार है।