वायु प्रदूषण के गंभीर खतरे से जूझ रहा Uttar Pradesh


सरकार के तमाम दावों व वादों के बावजूद देश में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सबसे गंभीर स्थिति उत्तर प्रदेश में पाई जा रही है। देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की लिस्ट में यूपी के 8 शहर शामिल हैं। इनमें से गाजियाबाद में सबसे अधिक प्रदूषण पाया गया है, जहां बुधवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 से भी ऊपर यानी बेहद खराब हालत में रहा।


सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी डेटा के अनुसार, बुधवार को गाजियाबाद का एक्यूआई 478 था जो पूरे देश में सबसे अधिक रहा। इसके बाद 461 एक्यूआई के साथ बागपत चौथे नंबर पर, नोएडा (450) पांचवे नंबर पर, ग्रेटर नोएडा (438) छठे नंबर पर और हापुड़ (435) सातवें नंबर पर रहा।


मेरठ (430) और बुलंदशहर (430) आठवे नंबर पर और मुजफ्फरनगर (428) नवे नंबर पर रहा। वहीं देश की राजधानी दिल्ली 419 एक्यूआई के साथ 10वें नंबर पर रही। इसके अलावा हरियाणा के दो शहर पानीपत (475) और बल्लभगढ़ (467) एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लिस्ट में दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे।


हरियाणा, यूपी और दिल्ली में एयर पल्यूशन अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से बढ़ना शुरू हुआ लेकिन दिवाली के बाद यह बढ़कर काफी अधिक हो गया है। यूपी और हरियाणा के शहर शुरुआत से ही टॉप 10 शहरों में हैं। मंगलवार को यूपी के चार शहर पहली बार टॉप 10 की श्रेणी में आए जिनका एक्यूआई लेवल 400 पार हो गया है। इससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं, खासकर दिल और फेफड़े के रोगियों के लिए प्रदूषित हवा में सांस लेना नुकसानदेह है।


पर्यावरणविद वेंकटेश दत्ता ने बताया, 'आने वाले दिनों में एयर क्वॉलिटी और खराब ही होगी क्योंकि सर्दियों में तापमान गिरेगा और पर्यावरण में नमी बढ़ेगी। ग्रीन कॉरिडोर की कमी और बरोक-टोक निर्माण कार्य एयर क्वॉलिटी खराब होने की मुख्य वजह है।'