खुद की जान दांव पर लगाकर, बचाई 7 बच्चों की जान

सूरत। शुक्रवार को सूरत के तक्षशिला आर्केड में हुए भयंकर अग्निकांड में जतिन नकरानी नाम के शख्स ने अपनी दिलेरी से 7 बच्चों और स्टाफ की जान बचा ली। बच्चों को बचाने की कोशिश में उनके सिर में गहरी चोट लग गई। उन्हें इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। बता दें कि इस भयानक अग्निकांड में शुक्रवार को 20 बच्चों की जान चली गई। फिलहाल आग लगने की वजह साफ नहीं है। सूरत पुलिस ने कॉम्प्लेक्स के बिल्डरों हर्षल वकेरिया और जिग्नेश के अलावा कोचिंग सेंटर के मालिक भार्गव भूटानी के खिलाफ FIR दर्ज की है।


25 साल के जतिन नकरानी ने बचाई 7 बच्चों की जान
तक्षशिला आर्केड में करीब 70 दफ्तर और दुकानें स्थित हैं। जब इमारत में आग लगी, उस वक्त एक डिजाइन संस्थान के 25 साल के निदेशक जतिन नकरानी वहीं मौजूद थे। उन्होंने फौरन क्लास को खाली कराया और पांच बच्चों को बचाया। दो और बच्चों को बचाने के लिए वह ऊपर की मंजिल पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों को तो बचा लिया लेकिन गिरकर वह घायल हो गए। संस्थान की एक स्टाफ ने बताया, 'आग से बचकर भागने की कोशिश में गिरने से जतिन के सिर में चोट लग गई और उन्हें हैमरेज हुआ है। उनका महावीर अस्पताल में इलाज चल रहा है।


जान पर खेलकर बचाया बच्चियों को
नकरानी के अलावा केतन जोरवडिया ने भी चौथी और तीसरी मंजिल के बीच झूलते हुए दो लड़कियों को बचा लिया। इन लड़कियों ने चौथी मंजिल की छत से छलांग लगा दी थी। बाद में दमकलकर्मियों ने तीनों को बचाया। उन्होंने बताया, 'दोनों बच्चियों छलांग मारने में डर रही थीं। मैंने उन्हें पकड़कर दमकलकर्मियों तक पहुंचाया।'


केतन ने हादसे के बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'वहां पर धुआं था। मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है। मैंने एक सीढ़ी की मदद से पहले बच्चों को वहां से निकालने का प्रयास किया। इस तरह 8 से 10 लोगों को बचाने में मैं सफल रहा। बाद में मैंने दो और छात्रों को बचाया। फायर ब्रिगेड करीब 40-45 मिनट बाद मौके पर पहुंची।'