नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने कोहिनूर हीरे के संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कोहिनूर को वापस लाने संबंधी याचिका पर दिए अपने पुराने फैसले की समीक्षा पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि उसे इसमें कोई आधार नजर नहीं आता।
Supreme Court के चीफ जस्टिस
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट Supreme Court के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने इस संबंध में गहन चर्चा की। इस दौरान जजों ने कोई ऐसा आधार नहीं पाया, जिसके तहत पूर्व में दिए गए आदेश की समीक्षा करने की जरूरत पड़े। पीठ ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई मेरिट नहीं है। याचिकाकर्ता इस संबंध में कोई उपर्युक्त वजह नहीं बता सका है कि क्यों इस मामले पर कोई सुनवाई की जाए।
इतना ही नहीं कोर्ट ने आगे कहा कि, 'जजों की पीठ ने क्यूरेटिव पिटीशन के साथ दिए गए सभी कागजात देखे। कागजात देखने के बाद हमारी राय में रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा और अन्य के मामले में तय मानकों के तहत कोई मामला नहीं बनता है। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए क्यूरिटिव पिटीशन खारिज की जाती है।' बता दें कि, पांच जजों की पीठ में जस्टिस एसए बोब्डे, जस्टिस एन रमन्ना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल शामिल थे। इससे पहले अदालत ने ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की थी। उस वक्त अदालत ने कहा था कि 'कोहिनूर हीरे के संबंध में वह ब्रिटेन को आदेश नहीं दे सकता।