शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान


भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर बयान देकर एक न्य विवाद खड़ा कर दिया है। साध्वी ने 26/11 हमले में शहीद ATS चीफ हेमंत करकरे के बारे में कहा है कि,"उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है। उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था। हेमंत करकरे मुझे किसी भी तरह से आतंकवादी घोषित करना चाहते थे।"


हेमंत करकरे को राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने


उन्होंने कहा कि 'एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य को उन्होंने भेजा,हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया,मैं मुंबई जेल में थी तब। हेमंत करकरे को राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने कहा कि जब तुम्हारे पास सबूत नहीं है तो साध्वी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, यह गैरकानूनी है। उसने कहा, मैं कहीं से भी सबूत लेकर आऊंगा, लेकिन इस साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। यह उसकी कुटिलता थी,यह देशद्रोह था। वह मुझसे हर तरह के सवाल करता था, ये कैसे हुआ, वह कैसे हुआ। मैंने कहा, मुझे नहीं पता, भगवान जाने। तो उसने कहा क्या मुझे यह जानने के लिए भगवान के पास जाना होगा। तो मैंने कहा, जरूर अगर आपको आवश्यकता है तो आप जरूर जाइए।'


उसने मुझे कई यातनाएं और....


साध्वी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ''आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी, लेकिन मैंने उससे कहा था कि उसका सर्वनाश होगा। उसने मुझे कई यातनाएं और गंदी गालियां दीं। वह मेरे लिए ही नहीं, किसी के लिए भी असहनीय होंगी। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गए थे और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने उसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ।


राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने चुनाव आयोग से


राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने गुरुवार को चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं। आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने पाया कि साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में ठाकुर 'मुख्य षड्यंत्रकर्ता' हैं। उस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी।