लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना संकट के इस दौर में जब समाज का हर वर्ग सरकारी प्रयासों का समर्थन और सहयोग कर रहा है, स्वयं मुख्यमंत्री जी, उनकी टीम इलेवन तथा प्रशासन के आला अफसरों के नियंत्रण में न तो स्वास्थ्य सेवाएं रह गई हैं और नहीं कानून व्यवस्था। जनता बेचारी पिस रही है। लाॅकडाउन में भी जंगलराज कम नहीं हुआ। हत्या, बलात्कार, लूट की घटनाओं में कमी नहीं हो रही है। जनपद कन्नौज के गुरूसहायगंज थाना के अन्तर्गत गौरियापुर में कमलेश सविता की बेटी के साथ बलात्कार ने सभी मर्यादाओं की धज्जियां उड़ गयी। कोई दिन बीतता जब बलात्कार की दुखद घटनाएं न होती हो।
आगरा मण्डल में स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाई दी। उपचार और जांच रिपोर्ट में देरी से कोरोना पाॅजिटिव महिला सिपाही को समय से उपचार नहीं मिला। बेटी का जन्म हुआ पर मां की मौत से परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। कार में ही छह घंटे तक शव पड़ा रहा। आगरा के ही एसएन मेडिकल कालेज में कैंसर के इलाज के लिए भर्ती महिला मरीज का पैर चूहे ने कुतर दिया। यहां कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट के इंतजार में दो दिन बीत गए। इसके दो दिन बाद आक्सीजन लगाई गई। पति के चीखने चिल्लाने पर भी किसी ने इलाज नहीं किया।
कानून व्यवस्था का यह हाल है कि चित्रकूट में भाजपा सांसद के पेट्रोल पम्प पर 50 हजार रूपये की लूट हो गई। स्वयं मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में प्रशासन की मिली भगत से सत्ता संरक्षित दबंगों ने अनुसूचित जाति के भूमिहीन लोगों की फसल को उजाड़ दिया। प्रशासन का अत्याचार यही नहीं थमा उन्हें फर्जी मुकदमों में भी फंसा दिया। भाजपा राज में गरीबों, पिछड़ों और दलितों की कहीं सुनवाई नहीं है।
सड़कों पर पुलिस का पहरा होने के बावजूद घरों में लोग सुरक्षित नहीं है। प्रयागराज में थाना माण्डा के आंधी गांव में नंदलाल सहित परिवार के तीन सदस्यों के मर्डर से दहशत है। राजधानी लखनऊ में लाॅॅकडाउन तोड़ने से रोकने पर निगोहां के मस्तीपुर गांव में आवारा युवकों ने दारोगा जी की वर्दी फाड़ दी, पुलिस पर पथराव किया और पुलिस के सामने से ही हमलावर भाग गए। महाराजगंज में भी पुलिस की पिटाई और वर्दी फाड़ देने की घटना हुई। सच तो यह है कि समाजवादी पार्टी सरकार की जनहित की योजनाओं को निष्प्रभावी बना देने की वजह से ही भाजपा राज में जनता परेशानी उठा रही है। समाजवादी एम्बूलेंस सेवा 108 की उपेक्षा समाजवादी नाम जुड़े होने से ही की गई। अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 सेवा का विस्तार रोक दिया गया। इसको 100 की जगह 112 कर दिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को सुनियोजित तरीके से सुसंगठित और आधुनिकतम बनाया जा रहा था। भाजपा ने अपनी साम्प्रदायिक राजनीति से इसे भी बर्बाद कर दिया। गम्भीर बीमारियों दिल, लीवर, किडनी, कैंसर के मुफ्त इलाज की व्यवस्था समाजवादी सरकार ने शुरू की थी, भाजपा राज में चिकित्सा सेवा संस्थानों में भी व्यापार होने लगा है।
आज ही वाराणसी में मुर्गा व्यवसायी की ईंट से कुचलकर हत्या, एटा के अवागढ़ में 22 साल के युवक की हत्या, गाजियाबाद के थाना कविनगर में गोलीमार कर हत्या। यहां तीन हत्यायें पहले भी हो चुकी है। लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में हत्या, शाहजहांपुर के थाना पुवायां में गोली चली, हापुड़ के थाना सिम्भावली में 2.5 लाख रूपये की लूट मुठभेड, सम्भल में बवाल, पीलीभीत में सिपाहियों से नशेड़ियों की झड़प। जनपद फतेहपुर में झगड़ा मारपीट आदि घटनाओं से भाजपा राज में लाॅकडाउन की व्यवस्था तार-तार है।