केजरीवाल ने रजिस्ट्री और प्याज को लेकर मोदी सरकार पर किया पलटवार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनियों के सभी निवासियों को आवास रजिस्ट्रीकरण पत्र देने और बढ़ते प्याज के दामों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज के बढ़ते दामों के बीच केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली सरकार को नियंत्रित मूल्य वाली प्याज की आपूर्ति रोक दी है।


मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि यह अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार ने बीते दो-तीन दिन से शहर में प्याज की आपूर्ति रोक दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र से प्याज मिलती है तो दिल्ली सरकार शहर में विभिन्न स्थानों पर इनकी ब्रिकी करती है। केजरीवाल ने कहा, ''हम केंद्र सरकार से लिखित में अनुरोध करेगे कि वह प्याज की आपूर्ति (दिल्ली सरकार को) जारी रखे।'' राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की कीमतें बीते दिनों बढ़कर 90 रुपए किलो तक पहुंच गई।



केजरीवाल ने मांग की कि केंद्र को अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनियों के सभी निवासियों को आवास रजिस्ट्रीकरण पत्र देना चाहिए। केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें पता चला है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चुनाव से पहले करीब 100 या 500 लोगों को आवास रजिस्ट्रीकरण पत्र देने की योजना बना रही है। 


मुख्यमंत्री ने मांग की कि आवेदन करने के तीन दिन के भीतर इन कॉलोनियों के निवासियों को रजिस्ट्रीकरण पत्र मिलना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''मैंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह विधानसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनी के सभी निवासियों को रजिस्ट्रीकरण पत्र दे।'' अनधिकृत कॉलोनियों में आप सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जायेगा। 


मुख्यमंत्री के अनुसार पिछले पांच साल में इन कॉलोनियों में 8,147 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए जबकि पूर्ववर्ती सरकार के शासन के दौरान वहां महज 1,186 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने से संबंधित एक विधेयक संसद में पेश किया। 


संसद में विधेयक पेश किये जाने के समय पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में अनधिकृत कॉलोनियों के लिये कुछ नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2015 और 2019 के बीच आप सरकार ने 1,281 अनधिकृत कॉलोनियों में सड़कों एवं नालों के पर 4,312 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।