लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने उ0प्र0 पावर कारर्पोरेशन द्वारा शहरी और ग्रामीण दोनो ही क्षेत्रों में 20 से 25 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि जनहित में पावर कार्पोरेशन अपने प्रस्ताव को वापस ले अन्यथा इस प्रस्ताव का प्रदेश व्यापी विरोध किया जायेगा।
श्री दुबेे ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव के पश्चात प्रदेश सरकार ने जनता को अंगूठा दिखाना प्रारम्भ कर दिया है और भाजपा का जनविरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। बीपीएल श्रेणी से लेकर किसान कर्मचारी तथा व्यापारी सभी वर्ग बिजली दरों के बढ़ोत्तरी से प्रभावित होंगे। केवल घरेलू ही नहीं कार्मिशियल दरों में भी बिजली मूल्य की बढ़ोत्तरी होगी, जिसके फलस्वरूप लघु उद्योगों से लेकर भारी उद्योगों द्वारा तैयार होने वाले सामान की कीमतों में उछाल आयेगा जिसका परिणाम महँगाई की अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी होगा।
अनिल दुबे ने गांवों के अनमीटर्ड उपभोक्ताओं पर भी 100/- रूपये प्रति माह की बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव पर आपित्त दर्ज केरते हुए कहा कि यह ग्रामीण उपभोक्ताओं पर अन्याय है। ऐसा लगता है कि प्रदेश से लेकर केन्द्र तक प्रचण्ड बहुमत की सरकार बनने का पुरस्कार जनता को मिलना प्रारम्भ हो गया है।
श्री दुबेे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बिजली दरों में बढोत्तरी के उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को जनहित में वापस लेने की मांग करते हुये कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल इस प्रस्ताव के विरोध में आन्दोलन की रणनीति हेतु आगामी 24 जून को होने वाली प्रदेश पदाधिकारियों व जिला शहर अध्यक्षों की बैठक में विचार करेगा।