भाजपा राज में बच्चियां तक सलामत नहीं : अखिलेश



  • अलीगढ़ कांड में निष्क्रिय पुलिस अफसरो को भी दंडित किया जाना चाहिए


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। दहशत, भय और असुरक्षा की भावना से समाज का हर वर्ग इसकी चपेट में है। भाजपा राज में बच्चियां तक सलामत नहीं। उनके साथ हैवानियत की घटनाओं पर सरकारी रूख संवेदन शून्यता का ही दिखाई देता है। जनता में इसको लेकर जतना में भारी असंतोष और आक्रोश है।

पुलिस का पहले दिन से ही लापरवाह रवैया


अलीगढ़ में जिस तरह ढाई साल की बेटी से नृशंस व्यवहार और हत्या की गई वह दिल दहलाने वाली घटना है। 30 मई से बच्ची लापता थी और 2 जून 2019 को उसकी क्षत विक्षत लाश कूड़े के ढेर पर मिली। पुलिस का पहले दिनो से ही लापरवाह रवैया इस मामले में नितांत निंदनीय रहा है। सरकार की गैर जिम्मेदारी की यह पराकाष्ठा है। इस अमानवीय और घृणास्पद घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी को इस कांड का संज्ञान लेकर निष्क्रिय पुलिस अफसरो को भी दंडित करना चाहिए था लेकिन अभी तक कड़ी कार्यवाही का न होना दुःखद है।


जेल में बंद रेप के आरोपी से भाजपा के सांसद

जेल में बंद रेप के आरोपी से भाजपा के सांसद मिलने जाते हैं। डीजीपी साहब के घर से अपहरण हो जाते हैं। अलीगढ़ में चार दिन तक बच्ची की तलाश में जुटी नाकाम पुलिस हाथों में लाश लेकर आती है। ये तस्वीर है यूपी में व्याप्त जंगलराज की। लखनऊ के नगराम क्षेत्र में एक 7 वर्षीय बच्ची के साथ और बाराबंकी के टिकैतनगर में 8 वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी की घटनाएं जताती हैं कि अपराधियों के मन में रंचमात्र भी भय नहीं रह गया है। मलिहाबाद के मवईकलां और लखीमपुर के ईसानगर क्षेत्र के एक गांव में युवतियों से भी दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुई है। कौशाम्बी में करारी थाना क्षेत्र में एक बालिका की सिरकटी लाश मिली है। ये जघन्य कांड प्रदेश की बदनामी करा रहे हैं।


भाजपा राज में अपराधों में बढ़ोत्तरी


भाजपा राज में अपराधों में बढ़ोत्तरी होने से सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। ऐसा लगता है कि प्रशासन ने अपनी इच्छाशक्ति खो दी है, वह पूर्णतया पंगु हो गई है। जनता के दुःखदर्द से उसका कोई वास्ता नहीं रह गया है। जिस भाजपा राज में मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं, हत्यारों को कोई भय नहीं और जिस पुलिस का इकबाल भी कहीं नहीं दिखता ऐसी सरकार अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती है।