पत्रकार को पूर्वाग्रही नहीं बल्कि सत्याग्रही होना चाहिए : सुभाष सिंह



  • लखनऊ उपजा के तत्वावधान में देवर्षि नारद जयंती एवं हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन 


लखनऊ। आद्य पत्रकार देवार्षि नारद जयंती एवं हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को आधुनिक पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की लखनऊ ईकाई लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (लखनऊ उपजा) की ओर से 28 बी दरूलशफा प्रांतीय कार्यालय में आयोजित गोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह मौजूद थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारिता अच्छी विधा में चले और खबरें समाज से निकलें हम इसी के पक्षधर रहा हूं। पत्रकार को पूर्वाग्रही और दुराग्रही नहीं बल्कि सत्याग्रही होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन लखनऊ उपजा के उपाध्यक्ष एस.वी. सिंह 'उजागर' ने किया। इस अवसर पर लखनऊ उपजा के अध्यक्ष भारत सिंह ने कहा देवर्षि नारद से प्रेरणा लेते हुए वरिष्ठ जनों के मार्गदर्शन से हमें आगे बढ़ना है। उन्होंने सभी उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।



पत्रकारों पर सवाल उठाने वालों से सावधान-वीर विक्रम


उपजा संरक्षक मंडल के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार वीर विक्रम बहादुर मिश्र ने कहा कि देवर्षि नारद का व्यवहार ही ऐसा था कि वह पत्रकार हो गए। पत्रकारों पर सवाल उठाने वालों से सावधान होने की जरूरत है। नारद की विश्वसनीयता होती थी, उसको बताए रखने की जरूरत है। हम समस्याग्रस्त हो सकते हैं पर विश्वास के संकट से बाहर निकलें। नारद जी का कोई महल नहीं बना, उनकी कहीं पूजा नहीं होती। पर नारद जी को जिसने साध लिया वह आगे निकल गया।


पहले खबर छपती थी तब बिकती थी-अजय कुमार


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि आजादी के पहले की पत्रकारिता मिशन के लिए थी। आज का दौर प्रोफेशन पत्रकारिता का है। पहले खबर छपती थी तब बिकती थी। आज खबर पहले बिकती है तब छपती है। आज हर खबर का मूल्य तय होता है। इस दौर में भी कुछ ऐसे पत्रकर हैं जो बिकने को तैयार नहीं हैं। पाठक समझता है कि कौन सी खबर बिकाऊ है और कौन सी दिखाऊ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को सांसदों से यह कहना पड़ रहा है कि छपास और दिखास से दूर रहिए। उन्होंने कहा कि आज दोषी है वह कि जो निर्दोष है। सत्य तो हर दिन रहा खामोश है।



पत्रकारों को खबरें लिखने के पीछे भाव समझने की-डॉ. हरमेश


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह संघचालक और सीमैप में वैज्ञानिक रहे डॉ. हरमेश सिंह चैहान ने खबरों के सकारात्मक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात कही। उन्होंने बताया कि पत्रकारों को खबरें लिखने के पीछे भाव समझने की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार रतिभान त्रिपाठी ने कहा कि यह कालखंड एक जैसा होने का है, यह पत्रकारिता का खतरनाक है। संदेह ज्ञान का उद्गम है, संदेह को पुष्ट कर लेखन करना ही सच्ची पत्रकारिता है।


महर्षि वेदव्यास प्रथम संपादक-अनुपम


यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के मंत्री हरीश सैनी ने कहा कि बदलते दौर में पत्रकारिता में नई-नई चुनौतियां आ गईं हैं। सोशल मीडिया के दौर में हमें अपनी कलम को साबित करना है। जब तक हम सीखेंगे नहीं, आगे बढ़ नहीं सकते हैं। उपजा के प्रांतीय सदस्य व लखनऊ उपजा के उपाध्यक्ष अनुपम चैहान ने कहा कि देवर्षि नारद ग्राउंड जीरो के पहले संवाददाता और महर्षि वेदव्यास प्रथम संपादक माने जाते हैं, क्योंकि उन्होंने चारो वेदों को लिखकर यह बताया कि कौन सा मंत्र किस वेद (ऋगवेद, सामवेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद) में जाएगा। भारतीय परंपरा में पत्रकारिता पेशा नहीं बल्कि सेवा का क्षेत्र है।



इस अवसर पर सहकारिता पत्रिका के संपादक सुनील दिवाकर, उपजा के प्रांतीय मंत्री बी.एन. मिश्रा, लखनऊ उपजा के महामंत्री आशीष कुमार मौर्य, मंत्री पद्माकर पांडेय, विनय तिवारी, सदस्य अनूप कुमार मिश्र, संतोष सिंह, कार्यालय मंत्री अतुल मोहन सिंह, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र प्रसाद, बृजनंदन राजू सहित अन्य वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।


कार्यक्रम में लखनऊ उपजा के कोषाध्यक्ष आशीष सुदर्शन, कार्यक्रारिणी सदस्य अश्वनी जायसवाल, वीरेन्द्र त्रिपाठी, केके सिंह, अब्दुल सत्तार, धंनजय सिंह, महेन्द्र तिवारी, अमित शुक्ल, टीटू शर्मा व प्रवक्ता पल्लव शर्मा, सदस्य शम्भू शरण वर्मा, प्रमोद शास्त्री, वेदिका गुप्ता, मीनाक्षी वर्मा, मृदुल तिवारी, विजय दीक्षित, अनिल सिंह, अमित सिंह, विनीत वर्मा, जितेंद्र त्रिपाठी, पंकज सिंह चैहान, अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, अनूप चौधरी, आर.पी. सिंह, राकेश कुशवाहा, सतीश दीक्षित, सुरेन्द्र कुमार, भाषकर सिंह, अनुरक्त सिंह, जनलक्ष्मी सेनानी तिवारी समेत अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।